1960 से 1975 इस काल के मराठी और हिंदी ग्रामीण उपन्यासों में पाकिस्तान निर्मिती की घटनाएँ और परिणाम : एक अध्ययन प्रस्तावना: साहित्य को सामाजिक जीवन का दर्पण कहा जाता है। हर एक काल के महान साहित्यकृतीओ मे समसामयिक घटनाओं, विचारधारा, जनता के मन पर इसके प्रभाव को काल्पनिक…
जिंदगी की कड़वाहट को धीरे-धीरे पी रहा हूँ चंद रोज की जिंदगी में, कुछ रंग भर रहा हूं... अक्सर घिरा रहता हूँ, भीड़ में मगर उस भीड़ में,अपनों को ढूंढ रहा हूँ चंद रोज की जिंदगी में, कुछ रंग भर रहा हूँ ...१... दोस्तों की कमी नहीं है,…
khup chhan poem ahe sir