जब जब में पढना चाहू
मोबाइल की रिंगटोन बजे (२)
जिंदबेरिये
जब जब में कॉलेज जाऊ
घुटनभरी जिंदगी जी रहा है हर शख्स
अजब सी कश्मकश में, उलझा है हर शख्स।
बातें तो करनी है जी भर के किसी से
यादों के सहारे
जिया नही जाता
तेरा मुझसे बिछडना
सहा नही जाता
मै सब कुछ था
एक दिन तुम्हारे लिए Read More
जिंदगी की कड़वाहट को धीरे-धीरे पी रहा हूँ
चंद रोज की जिंदगी में, कुछ रंग भर रहा हूं…
अक्सर घिरा रहता हूँ, भीड़ में मगर