वो वक्त

वो वक्त…


वो वक्त अब ना रहा

बस यादे रहे गयी

वो फसाना अब ना रहा

 

वो देखने को तरसना

वो मिलने को तडपना

अपनी हर एक साँसों पे

मेरा हक रखना

ठंड की वो शाम

तेरी गर्म सासों के नाम

वो कुछ भी ना रहा

 

बस यादें रहे गयी

वो फसाना ना रहा.

 

वो सिने पे सर रखके

धडकनों का सुनना

वो मुझसे लिपटके

लबों को चुमना

मेरी ऑंखो मे देखना

खुदको भुल जाना

वो कुछ भी ना रहा

 

बस यादे रहे गयी

वो फसाना अब ना रहा

 

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डॉ. राहूल रजनी

patilrahulb14@gmail.com

Mob. No. 9623092113

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